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नई दिल्ली। कोरोनावायरस के वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार करने में कम से कम दो वर्ष का वक्त लग सकता है।
कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार करने में लग सकता है दो वर्ष का समय
Friday, March 13, 2020
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नई दिल्ली। कोरोनावायरस के वैश्विक महामारी घोषित होने के बाद भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोनावायरस से बचाव के लिए वैक्सीन तैयार करने में कम से कम दो वर्ष का वक्त लग सकता है।
बृहस्पतिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस कान्फ्रेंस में ये भी बताया कि गर्मियों में कोरोनावायरस के कमजोर होने फिलहाल कोई पुष्टि नहीं है। हालांकि कोरोना के बारे में सभी तथ्यों का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है। कोई पुष्ट अध्ययन अभी भी नहीं हैं।
आम तौर पर यह माना जा रहा है कि कोरोनावायरस उच्च तापमान में जीवित नहीं रह पाता है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। ये भी बताया कि बताया कि कोरोनावायरस के विए वैक्सीन बनाने में कम से कम 1.5 से 2 साल लेंगे। भारत में कोरोनावायरस के संक्रमण का मामला बढ़कर 73 पर पहुंच गया है।
मास्क और सेनिटाइजर की किल्लत के बारे में पूछने पर लव अग्रवाल ने कहा कि मास्क हमेशा जरूरी नहीं है। अगर शख्स उचित दूरी बनाकर रखता है, सावधानी बरतता है तो मास्क जरूरी नहीं। घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि केंद्र की ओर से सभी राज्यों को मास्क व सेनिटाइजर की आपूर्ति से संबंधित निर्देश दिए जा चुके हैं।
उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस को वैश्विक महामारी घोषित किया है लेकिन भारत में अभी ऐसी स्थिति देखने को नहीं मिली है। हमारे देश में ये संक्रमण केवल उन्हीं लोगों के बीच मिल रहा है जो बाहरी देश से यात्रा करके आए हैं या उनके संपर्क में आए परिवार के लोग।
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इसलिए अभी तक अन्य देशों की तुलना में भारत एक बेहतर स्थिति में है। रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय सभी राज्यों के साथ मिलकर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कोरोना वायरस को लेकर निगरानी रखे हुए हैं। उन्हीं के निर्देश पर मंत्री समूह गठित किया था।
मंत्रालय के अनुसार कोरोनावायरस को लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है। लोग अपनी सुरक्षा के लिए सतर्कता जरूर बरतें। मेट्रो, बसें सार्वजनिक वाहनों में सावधानियां बरतें। अगर किसी व्यक्ति को परेशानी है तो वह ट्रोलफ्री नंबर पर मदद ले सकता है।
सरकार ने उपचार की तमाम व्यवस्था की हुई है। जो लोग हाल ही में विदेश यात्रा से लौटकर वापस आए हैं वे 14 दिन तक अपने घर में आइसोलेशन पर रहें। एक सवाल पर संयुक्त सचिव ने कहा कि सरकार के पास करीब 1 लाख टेस्टिंग किट हैं। इसके अलावा और किट्स भी खरीदी जा रही हैं।
देशभर में केंद्र व राज्य सरकारों ने मिलकर 52 टेस्टिंग सेंटर स्थापित किए हैं। इसके अलावा 56 सैंपल एकत्र करनेवाले सेंटर हैं।
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