BALLIA
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बलिया के इस गांव में खेत में निकले सर्प को नाग देवता मानकर लोगों ने शुरू की पूजा, चढ़ावा चढ़ाने वालों की उमड़ी भींड़
Monday, March 9, 2020
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सर्प के बिल के पास पूजा करते ग्रामीण (TPT) |
बलिया। वर्तमान वैज्ञानिक युग में एक तरफ जहां पर लोग चांद पर पहुंचने की सपने को साकार कर रहे हैं । वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में कभी कभी ऐसी भी घटनाएं देखने को मिल रही है, जिससे सदियों से चले आ रहे अंधविश्वास को बल मिल रहा है। एक ऐसी ही घटना सिकन्दरपुर क्षेत्र के भड़ीक में रादेखने को मिली है । वहां के ग्रामीणों की माने तो लगभग एक सप्ताह पूर्व मुख्य मार्ग से गांव की तरफ जाने वाले चकरोड पर राजवंशी वर्मा के सरसों के खेत के किनारे एक सर्प बैठा हुआ किसी को दिखाई दिया। जब वह व्यक्ति पास जाकर देखा तो डर गया। लेकिन सर्प वहां से टस से मस नहीं हुआ।
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वह व्यक्ति गांव वालों को बुलाकर उस स्थिर सर्प को दिखाया। गांव वालों के पहुंचने के बावजूद भी सर्प वहां से टस से मस नहीं हुआ। इस दौरान कुछ देर बाद पुनः सर्प बगल में स्थित अपने बिल में चला गया। ग्रामीणों ने बताया कि उसके अगले दिन पुनः दोपहर में सर्प को वहीं पर रास्ते पर बैठा हुआ किसी ने देखा। उसने शोर करके मौके पर ग्राम वासियों को बुलाया, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग आए, जिन्हें देखकर सर्प पुनः अपने बिल के अंदर चला गया।
ग्रामीणों की उमड़ी भींड़ (TPT) |
लोगों के अंदर अब एक कौतूहल ने जन्म ले लिया और लोग प्रायः रोजाना वहां जाकर देखने लगे। कभी सुबह तो कभी शाम को बिल से निकल कर वह सर्प बैठा मिला। लोगों ने इसे नाग देवता मानकर पूजा पाठ भी शुरू कर दिया है। यहां तक कि सोमवार की सुबह भदिकडा तथा आसपास के गांवों के सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों की झुंड वहां इकट्ठा हो गई और महिलाओं ने गीत गाना शुरू कर दिया।
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इस दौरान खेत के मालिक राजवंशी वर्मा ने बताया कि जब वह अपने खेत के पास पहुंचे तो सर्प वहां बैठा हुआ था। उन्होंने उसे लावा, दूध, अगरबत्ती बतासा आदि चढ़ावा चढ़ाना शुरू कर दिया। वहीं गांव के ही बलिराम प्रजापति, राजनाथ वर्मा, विवेक वर्मा, शैलेश, रमेश मौर्या आदि ने बताया कि रोज यहां से गुजरने पर दोपहर के समय सर्प बैठा हुआ दिखलाई देता था। गांव वाले अब उसे नाग देवता मानकर पूजा पाठ करना शुरू कर दिए हैं। यहां तक कि अब महिलाओं का झुंड भी इकट्ठा हो चढ़ावा चढ़ाना शुरु कर दिया है।
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