83 घंटे में 390 किमी दूरी तय कर पति पत्नी पहुंचे घर, भूख लगी तो खाया चना

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कोरोना के कहर से आज पूरा विश्व त्राहिमाम कर रहा है। इसके बढ़ते मामले से पूरी दुनिया ठहर सी गई है। देश में इसके कहर को रोकने के लिए21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। लॉक डाउन का सबसे ज्यादा असर उनपर पड़ा है, जो रोजी- रोटी की तलाश में अपने घर परिवार को छोड़कर दूसरे प्रदेशों में काम करने गए थे।

ऐसा ही एक मामला एमपी के रतलाम में सामने आया है। यहां का एक दंपती गुजरात के सूरत में मजदूरी करती है। लॉकडाउन के बाद उनके पास कोई काम नहीं बचा। दोनों रेलवे ट्रैक के सहारे पैदल ही वहां से यहां आ गए।

इनलोगों ने 83 घंटे में ही 390 किमी दूरी तय की। दोनो ने बताया हमारे दिमाग में बस यही था कि रुके तो फंस जाएंगे, इसलिए रोज तीन घंटे से ज्यादा सोए ही नहीं। खाने के लिए भी दो किलो चने लेकर निकले थे। 


ये लोग रतलाम जिले के चंद्रगढ़ के नालपाड़ा के रहने वाले हैं।पूंजालाल बारिया (28) ने बताया वह पत्नी इंदिरा (25) के साथ एक महीने पहले मजदूरी करने सूरतगया था। वहां वे बिल्डिंग निर्माण में मजदूरी कर रहा था। कोरोना वायरस के कारण 20 मार्च से ही वहां काम बंद हो गया।

23 मार्च की सुबह 4 बजे हम भी वहां से पैदल निकल गए। सूरत से अंकलेश्वर तक हम सड़क पर होते हुए आए वहां से रेलवे पटरियों के सहारे चलना शुरू किया। दाहोद तक हमारे साथ 50 से ज्यादा लोग थे। इसके बाद हम अकेले रह गए। जहां अंधेरा हो जाता वहां मोबाइल की टॉर्च में चलते। रात में 1 बजे बाद ही तीन घंटे सोते और उजाला होते ही फिर चल पड़ते। भूख लगती तो साथ लाए चने खा लेते। हमें डर था कि यदि रुके तो यहीं फंस जाएंगे।

उन्होंने बताया कि बड़ौदा तक रेलवे ट्रैक के साथ ही कुछ देर लोगों के साथ सड़क पर चले, जहां हमने लिफ्ट लेने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने नहीं दी तो हमें पैदल ही आना पड़ा। हम रतलाम में टैंकर रोड स्थित बड़े भाई प्रभुलाल के यहां जा रहे थे तो सैलाना बस स्टैंड पर पुलिस ने रोक लिया और जांच करवाकर भेजा। 
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