बलिया: विदेश या बाहरी प्रांत से आने वालों का तैयार किया ब्लाॅक व ग्राम पंचायतवार डाटा

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बलिया। कोरोना के हर सम्भावित संदिग्ध की तलाश में कोविड-19 एक्टिव सर्विलांस टीम का अहम रोल रहा है। संयुक्त मजिस्ट्रेट अन्नपूर्णा गर्ग के नेतृत्त्व में बनी इस टीम में ईडीएम अभिजात सिंह व करीब दर्जन भर कुशल कम्प्यूटर आपरेटर लगे है, जिन्होंने शुरूआती दिनों में दिन-रात मेहनत कर विदेश व बाहर से आने वाले हर किसी को चिन्हित किया। टीम के कार्य का मुख्य फोकस यही है कि जिले में कोई भी कोरोना के सम्भावित मरीज छूटे नहीं।

दरअसल, टीम ने विदेश या महानगरों से आने वाले एक-एक व्यक्ति का मास्टर डाटा इकट्ठा की। उस डाटा को विकास खंडवार, ग्राम पंचायतवार और उम्रवार छांटने की प्रक्रिया शुरू हो गई। इसके बाद ऐसे गांवों को चिन्हित किया गया, जहां विदेश या बाहर से आने वाले प्रवासी लोगों की संख्या अधिक थी। एक्टिव सर्विलांस टीम लगातार इस कार्य में लगी हुई है।

250 गांव को अगले पांच दिनों में कवर कर लेगी 44 टीमें

- एक्टिव सर्विलांस सेल की ओर से इकट्ठा किए गए डाटा और उसको छांटने के बाद विदेश या महानगरों से आए लोगों की संख्या जहां अधिक है, फिलहाल ऐसे 250 गांवों को चिन्हित किया गया। इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग की 44 टीम को लगाया गया है। संयुक्त मजिस्ट्रेट ने बताया कि ये टीम अगले पांच दिनों में इन गांवों के हर घर तक जाकर सर्वे करेगी। बाहर से आए लोग होम क्वारंटाइन में है या नहीं, यह देखेगी। जिनमें कुछ लक्षण दिखेंगे, उनको सैम्पलिंग के लिए रेफर करेगी। जनसंख्या के हिसाब से देखा जाए तो इन गांवों के सर्वे होने के बाद जिले की कुल जनसंख्या के 30 फीसदी लोग कवर हो जाएंगे।

आयुर्वेक, होमियोपैथ के भी हैं डाॅक्टर व स्टाॅफ

- करीब ढ़ाई सौ गांवों में सर्वे के लिए जो 44 टीम लगाई गई है इसमें 17 टीम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना (आरबीएसके) की, 14 टीम आयुर्वेक एवं युनानी विभाग और 13 टीम होमियोपैथिक विभाग की है। टीम में डाॅक्टर के अलावा फार्मासिस्ट, वार्ड बाॅय व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। आगामी पांच दिनों बाद हर गांव की रिपोर्ट मिल जाएगी।

अपील, लक्षण छुपाएं नहीं बल्कि खुलकर बताएं

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने जनपदवासियों से अपील की है कि गांव में जाने वाली टीम का खुलकर सहयोग करें। अगर किसी भी व्यक्ति को बुखार, सिर दर्द, सूखी खांसी या कोरोना से सम्बन्धित कोई भी लक्षण हो तो उसे छुपाए नहीं, खुलकर बताएं। लक्षण छुपाना इसका समाधान नहीं है। समुचित निगरानी व जांच से ही हम कोरोना की हर सम्भावना को खत्म कर सकते हैं और इस महामारी पर विजय पा सकते हैं।
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