BALLIA
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UTTAR PRADESH
बलिया। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में पुलिस, मेडिकल, सफाईकर्मी समेत जो भी लगे है, सबकी भूमिका है। इसी में एक अहम रोल जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डाॅ जियाउल हुदा का भी है, जो सबसे संवेदनशील काम को अंजाम दे रहे है। जी हां, ये वही डाॅक्टर है जो कोरोना संदिग्ध का सैम्पल लेने का काम कर रहे हैं।
अहम रोल निभा रहे हैं बलिया जिला अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर जियाउल हुदा
Monday, April 6, 2020
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बलिया के डाक्टर (TPT) |
बलिया। कोरोना वायरस के खिलाफ चल रही लड़ाई में पुलिस, मेडिकल, सफाईकर्मी समेत जो भी लगे है, सबकी भूमिका है। इसी में एक अहम रोल जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डाॅ जियाउल हुदा का भी है, जो सबसे संवेदनशील काम को अंजाम दे रहे है। जी हां, ये वही डाॅक्टर है जो कोरोना संदिग्ध का सैम्पल लेने का काम कर रहे हैं।
सैम्पल लेने के कार्य की गम्भीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सैम्पल लेने के दौरान मुंह व नाक में स्टिक डालनी पड़ती है। वैसे तो इसके लिए तमाम सावधनी बरती जाती है, पर अगर कोरोना संदिग्ध छींक दे या खांस दे तो थोड़ा डर तो बनता ही है। ऐसे मेें यह बहादुरी भरा काम डाॅ जियाउल हुदा कर रहे हैं।
बातचीत में डाॅ हुदा ने बताया कि यह कार्य थोड़ा क्रिटिकल जरूर है, पर यही हमारा फर्ज भी कहता है। डाॅ हुदा की पत्नी गर्भवती है और शायद ऐसे ही मौके पर एक-दूसरे का ख्याल रखने की जरूरत भी पड़ती है। लेकिन, इन सबके बीच वह पूरे दिन ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। सैम्पल लेने के साथ कोरोना से जुड़ी माॅनिटरिंग में भी इनका रोल है और शायद ही कोई ऐसा दिन हो जब वे अपने घर रात 9 या 10 बजे के पहले पहुंचे।
डाॅ हुदा ने बताया कि ड्यूटी के बाद घर-परिवार के बीच जाने के बाद भी सबसे अलग रहना पड़ता है, क्योंकि सावधानी ही बचाव है। सैम्पल लेने के दौरान सुरक्षा किट पहनने के साथ इसका विशेष ध्यान रखा जाता है कि संदिग्ध को खांसी या छींक नहीं आए। रिस्क होने के बावजूद आज राष्ट्र के लिए सबसे जरूरी हम सबका फर्ज, दायित्व है और उसके निर्वहन के लिए पूरे तनमन से लगा रहूंगा।
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