पिता के अर्थी को पांच बेटियों ने दिया कंधा, अपने आंसुओं को नहीं रोक सके मौजूद लोग

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पिता की अर्थी को कंधा देती बेटियां (TPT)


अलीगढ़। थाना बन्ना देवी के नुमाइश मैदान में झोपड़ी डालकर जीवन यापन कर रहा संजय लंबे समय से टीबी की बीमारी से पीड़ित था। उसका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा था। लेकिन, कोरोना वायरस के कारण लागू किए गए लॉक डाउन के कारण अस्पताल में ओपीडी बंद कर दी गई। ऐसे में उसका इलाज अधर में लटक गया। धीरे-धीरे उसकी तबियत बिगड़ती चली गई।

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शुक्रवार की रात संजय की अधिक तबियत खराब होने के कारण परिजनों ने 108 व 102 नंबर पर एंबुलेंस को फोन किया, पर दो घंटे बाद तक भी एंबुलेंस नहीं पहुंच सकी, जिसके चलते संजय ने देररात तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। जिसके चलते परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। पत्नी, बेटियों का रो रोककर बुरा हाल हो गया। शनिवार सुबह जैसे-तैसे अर्थी के सामान का प्रबंध किया गया।


लेकिन, संजय को बेटा न होने के कारण अर्थी को कंधा देने की बारी आई तो बेटी प्रियांशी, राधा, मोनी, ज्योति और काजल आगे आई और उन्होंने पिता की अर्थी को कंधा दिया। बिलखती बेटियों को पिता की अर्थी को कंधा देते देख मौजूद लोग भी अपने आंसुओं को रोक नहीं पाए। इसके बाद नुमाइश मैदान स्थित मोक्षधाम में अर्थी पहुंची तो बेटियों ने ही सभी संस्कार कर शव को मुखाग्निी दी।
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