मदर्स डे "मां के प्यार से बड़ा कोई प्यार नहीं होता"

no-love-is-greater-than-love-of-mother
TPT

डेस्क। दुनियाभर में मदर्स डे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। भारत में मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है वहीं, यूएसए, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, चीन, जापान, फिलिपींस में यह खास दिन 12 मई को मनाया जाता है। अरब देशों में 21 मार्च को मदर्स डे मनाया जाता है। 

1912 में मदर्स डे की शुरूआत अमेरिका से हुई। एना जार्विस एक प्रतिष्ठित अमेरिकन एक्टिविस्ट थीं जो अपनी मां से बेहद प्यार करती थीं। उन्होंने कभी शादी नहीं की। उनकी कोई संतान भी नहीं थी। मां की मौत होने के बाद प्यार जताने के लिए उन्होंने इस दिन की शुरुआत की। जिसे बाद में 10 मई को पूरी दुनिया में मनाने की परंपरा शुरू हुई। मां भगवान का बनाया गया सबसे नायाब तोहफा है। हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। 

मां वो होती है जो बिना स्वार्थ के अपने बच्चों को प्यार करती है। बिना किसी उम्मीद के अपने बच्चों के लिए अपना जीवन समर्पित कर देती है। मां के प्‍यार, त्‍याग और तपस्‍या के बदले हम चाहे कुछ भी कर लें वो कम ही होगा। 

मां और बच्चे का रिश्ता इतना प्रगाढ़ और प्रेम से भरा होता है, कि बच्चे को जरा ही तकलीफ होने पर भी मां बेचैन हो उठती है। वहीं तकलीफ के समय बच्चा भी मां को ही याद करता है। मां का दुलार और प्यार भरी पुचकार ही बच्चे के लिए दवा का कार्य करती है। इसलिए ही ममता और स्नेह के इस रिश्ते को संसार का खूबसूरत रिश्ता कहा जाता है। दुनिया का कोई भी रिश्ता इतना मर्मस्पर्शी नहीं हो सकता।

धरती पर मौजूद प्रत्येक इंसान का अस्तित्व, मां के कारण ही है। मां के जन्म देने पर ही मनुष्य धरती पर आता है और मां के स्नेह दुलार और संस्कारों में मानवता का गुण सीखता है। हमारे हर विचार और भाव के पीछे मां द्वारा रोपित किए गए संस्कार के बीज हैं, जिनकी बदौलत हम एक अच्छे इंसान की श्रेणी में आते हैं। इसलि मातृ दिवस को मनाना और भी आवश्यक हो जाता है। हम अपने व्यस्त जीवन में यदि हर दिन न सही तो कम से कम साल में एक बार मां के प्रति पूर्ण समर्पित होकर इस दिन को उत्सव की तरह मना सकते हैं। 
Previous article
Next article

Ads Post 2

Ads Post 3