BALLIA
दो स्पेशल श्रमिक ट्रेनों से बलिया पहुंचे लगभग तीन हजार श्रमिक
Saturday, May 9, 2020
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बलिया। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुये सरकार कोई भी कोताही बरतना नहीं चाहती है। बलिया में दो दिन पहले राजकोट से ट्रेनें आईं थी। वहीं शनिवार को पुनः दो स्पेशल ट्रेनों से लगभग 3000 श्रमिक पहुंचे। इसमें एक ट्रेन में लगभग 1200 श्रमिकों को लेकर ट्रेन स्थानीय स्टेशन पहुंची।
जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने बताया कि इन श्रमिकों के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। सभी आये श्रमिकों का स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच द्वारा जांच किया गया। उसके बाद सबको भोजन का पैकेट, पानी व मास्क उपलब्ध कराया गया। इसके बाद लगभग 150 रोडवेज बसों से सभी श्रमिकों को उनके गन्तव्य तक भेजा गया। इतना ही नहीं, बलिया के साथ-साथ गाजीपुर, प्रयागराज, कुशीनगर, गोंडा तक के श्रमिक इस ट्रेन से आये। इन श्रमिको को सरकारी बस से जिला प्रशासन द्वारा उनके जिले में भेजा जा रहा है। श्रमिकों ने बताया कि यूपी में आकर वह बहुत खुश हैं। श्रमिकों का कहना था कि अब यूपी से बाहर नहीं जाएंगे। हालांकि बलिया में अभी तक कोरोना वायरस की पॉज़िटिव संख्या शून्य है, जिससें जनपद अभी ग्रीन जोन में है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रीतम कुमार मिश्र ने बताया कि आने वाले श्रमिकों व अन्य व्यक्तियों का चिकित्सकीय परीक्षण एवं सूचीकरण करने के बाद उनके गृह जनपद तथा आवश्यकतानुसार क्वॉरेंटाइन फैसिलिटी सेंटर में भेजा गया। उन्होंने बताया कि ट्रेन कोविड- 19 प्रभावित विभिन्न रेड और ऑरेंज जोन से होकर आयी, ऐसी स्थिति में बलिया पहुंचने पर संक्रमण से बचाव तथा इन व्यक्तियों को ले जाने वाली बसों का आवागमन सुविधाजनक तरीके से हो सके, इसलिए यह निर्णय लिया गया था।
जिलाधिकारी ने बताया कि श्रम्रिकों के आगमन को लेकर नगर पालिका तथा इससे लगे हुए नगरीय स्वरूप वाले क्षेत्रों में पहले से चिन्हित दूध, फल, सब्जी, किराना स्टोर तथा दवा की दुकान की ही दुकाने खोली गई हैं। बाकी सभी दुकानें बंद करा दी गयी हैं। इसके साथ इन क्षेत्रों में वाहनों की आवाजाही पर भी पूरी तरह रोक लगा दिया गया है। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को इस आदेश का अनुपालन कराने का निर्देश भी पहले ही दिया जा चुका है।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन के बलिया आने को लेकर सुबह से ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ भारी संख्या में पुलिस फोर्स मौजूद थी। स्टेशन पर पुलिस की घेराबंदी इतनी सख्त थी कि किसी को भी प्रवेश की इजाजत नहीं था। इसके साथ ही मीडिया कर्मियों को भी प्लेटफार्म पर जाने की इजाजत नहीं दी गयी। इसको लेकर पहले से ही जिला प्रशासन और रेलवे ने पूरी तैयारी कर रखी थी। स्टेशन परिसर में स्वास्थ्य व बेसिक शिक्षा विभाग की टीमें पंजीयन व मेडिकल करने में लगी रही।
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