900 साल बाद लग रहा है ऐसा ग्रहण, जानिए क्यों हो रही है पूरी दुनिया में इसकी चर्चा


लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है। ग्रहण का सूतक काल शनिवार 20 जून की रात 09:25 से शुरू हो जायेगा। सूतक के समय शुभ कार्य करना वर्जित होता है। 
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आस्था(TPT)। 21 जून, दिन रविवार को सूर्य ग्रहण लग रहा है, जो सुबह 9:15 बजे से शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा। लंबे ग्रहण की वजह से पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है।

  • सूर्यग्रहण के दौरान कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना पड़ेगा।


ग्रहण का सूतक काल शनिवार 20 जून को ही
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ज्योतिष गणना के अनुसार, ग्रहण रविवार सुबह 10.33 बजे से दोपहर 02.04 बजे तक रहेगा। ग्रहण काल का सर्वोच्च प्रभाव दोपहर 12.18 बजे रहेगा। इस ग्रहण का सूतक शनिवार 20 जून को ही रात करीब 10.33 बजे ही लग जाएगा। 21 जून को पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा और इसे 'रिंग ऑफ फायर' (Ring of Fire) भी कहा जा रहा है।


सूतक काल से पहले खाने में रखें तुलसी का पत्ता
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ग्रहण के 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है। आज रात 09:52 बजे से सूतक काल लग जाएगा। मान्यता है कि ग्रहण के समय बना हुआ खाना दूषित हो जाता है, इसलिए भोजन में तुलसी की पत्ता रख दी जाती है।


सूतक काल में किन नियमों का करना चाहिए पालन


ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। सूतक काल 20 जून रात 9 बजकर 25 मिनट से ही लग जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार ग्रहण से 12 घंटे पहले से लेकर खत्म होने के 12 घंटे बाद तक सूतक रहता है। इस दौरान लोगों को कई सावधानियां बरतनी होगी। इस समय घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलें और सुनसान जगहों पर जानें से बचें। इसके साथ ही कोशिश करें कि ग्रहण से 12 घंटे पहले ही भोजन कर लें। हालांकि, छोटे बच्चे, बूढ़े, गर्भवती महिलाएं और बीमार लोग चार घंटे पहले तक खा सकते हैं।


900 साल बाद लग रहा है इस तरह का ग्रहण
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ग्रहण आषाण मास की अमावस्या पर लग रहा है और यह खण्डग्रास सूर्य ग्रहण होगा। बताया जा रहा है कि इस तरह का ग्रहण तकरीबन 900 साल बाद लग रहा है। इसके अलावा रविवार को ग्रहण लगने के कारण इसे चूणामणि ग्रहण कहा जा रहा है। 


रविवार की सुबह 09:15 बजे शुरू होगा सूर्य ग्रहण


रविवार की सुबह 9:15 बजे सूर्य ग्रहण शुरू हो जाएगा और 12:10 बजे दोपहर में कुछ देर के लिए हल्का अंधेरा सा छा जाएगा। इसके बाद 03:04 बजे ग्रहण समाप्त होगा। यानी करीब 6 घंटे का लंबा ग्रहण होगा।

भूलकर भी न करें ये गलती
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अगर आप ग्रहण को देखना चाहते है तो आप इसे नग्न आंखों से बिल्कुल ही न देखें। सूर्य ग्रहण को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए, क्योंकि सूर्य ग्रहण का बुरा प्रभाव आंखों पर पड़ता है। इसे नग्न आंखों से देखने से बचना चाहिए। नग्न आंखों से ग्रहण देखने पर आंखों को नुकसान पहुंच सकता है, इसलिए दूरबीन, टेलीस्कोप, ऑप्टिकल कैमरा व्यूफाइंडर से सूर्य ग्रहण को देखना सुरक्षित है।

ग्रहण को लेकर धार्मिक मान्यताएं
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शास्त्रों के नियमानुसार ग्रहण के दौरान भोजन, मल-मूत्र त्याग, मैथुन अशुभ माना गया है। इसी के साथ किसी भी तरह के शुभ कार्य पूजा पाठ इत्यादि काम भी इस दौरान नहीं किए जाते है, जब से सूतक काल शुरू हो जाता है उस समय से लेकर ग्रहण काल तक भूलकर भी तुलसी नहीं छूना चहिए।

कहां-कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण


सूर्य ग्रहण भारत सहित दक्षिण पूर्व यूरोप, हिंद महासागर, प्रशांत महासागर, अफ्रीका, अमेरिका, पाकिस्तान और चीन के कुछ हिस्सों में भी दिखाई देगा।

गभवर्ती महिलाएं इन बातों पर दें ध्यान
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सूर्य ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को अतिरिक्‍त एहतियात बरतनी होती है। बालक, बुजुर्ग और मरीजों को छोड़कर दूसरे लोगों को भोजन का त्‍याग करना चाहिए। खासकर, गर्भवती महिलाओं को घर में रहने और संतान गोपाल मंत्र का जाप करने के लिए कहा जाता है। ग्रहण के दौरान लोगों को पानी पीने से भी बचना चाहिए। ग्रहण खत्म होने तक भोजन नहीं पकाया जाता है। इस दौरान कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।


सूर्य के वलय पर दिखाई देगा पूरे आकार का चांद
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सूर्य ग्रहण के समय सूर्य के वलय पर चांद अपने संपूर्ण आकार में दिखाई देगा। यहां सूर्य का केंद्रीय भाग पूरी तरह से अंधेरा यानी काला दिखाई देगा, सूर्य के किनारों पर जरूर चमक बनी रहेगी। इस प्रकार के ग्रहण को दुनिया में चुनिंदा स्‍थानों पर ही देखा जाता है। कई जगहों पर ग्रहण दिखाई तो देता है लेकिन वह आंशिक होता है।

क्या होता है वलयाकार सूर्य ग्रहण


रविवार को जो सूर्य ग्रहण लग रहा है वह एक दुर्लभ ग्रहण होगा। उस दिन आसमान में सूर्य का घेरा एक चमकती अंगूठी की तरह दिखेगा। ये ग्रहण न ही आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और न ही पूर्ण सूर्यग्रहण, क्योंकि चन्द्रमा की छाया सूर्य का करीब 99% भाग ही ढकेगी। आकाशमण्डल में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केन्द्र के साथ मिलकर सूर्य के चारों ओर एक वलयाकार आकृति बनायेगी, जिससे सूर्य आसमान में एक आग की अंगूठी की तरह नजर आएगा। वहीं, 21 जून को इस साल का सबसे बड़ा दिन होगा और इसी दिन सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।



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