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कोरोना महामारी के बीच सरकार ने घटाया यूपी बोर्ड का 30 फीसदी पाठ्यक्रम, जानें अब कैसे होगी पढ़ाई
Thursday, July 16, 2020
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स्कूलों में नियमित कक्षाएं न शुरू कर पाने के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शासन के पास पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव पर सरकार ने मंजूरी दे दी है जिसके बाद अब यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम का 30 प्रतिशत घटा दिया गया है बचे हुए 70 फीसदी पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते छात्रों की पढ़ाई बहुत प्रभावित हो रही हैं। कोरोना संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए स्कूल ऑनलाइन कक्षाएं चला रहे हैं लेकिन ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से यूपी बोर्ड पाठ्यक्रम पूरा करवा पाना मुश्किल हैं ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने बड़ी कक्षाओं के पाठ्यक्रम को लेकर बड़ा फैसला लिया हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने यूपी बोर्ड के 9वीं से 12वीं तक के पाठ्यक्रम 30 फीसदी कम करने का फैसला लिया है। बचा हुआ 70 फीसदी पाठ्यक्रम तीन भाग में पढ़ाया जाएगा।
स्कूलों में नियमित कक्षाएं न शुरू कर पाने के कारण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने शासन के पास पाठ्यक्रम कम करने का प्रस्ताव भेजा था। इस प्रस्ताव पर सरकार ने मंजूरी दे दी है जिसके बाद अब यूपी बोर्ड के पाठ्यक्रम का 30 प्रतिशत घटा दिया गया है बचे हुए 70 फीसदी पाठ्यक्रम बच्चों को पढ़ाया जाएगा। शैक्षिक सत्र 2020-21 में अभी तक उत्तर प्रदेश के यूपी बोर्ड स्कूलों में कक्षाओं शुरु नहीं हो सकी है।
सरकार ने 15 जुलाई से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का आदेश दिया था। लेकिन सैकड़ों की संख्या में छात्रों के पास ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए संसाधनों का अभाव है ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन पढ़ाई कर पाना मुश्किल हो रहा हैं। इस समस्या को देखते हुए पाठ्यक्रम घटाने का निर्णय लिया गया है ।
यूपी के डिप्टी सीएम डॉक्टर दिनेश शर्मा ने कहा कि शेष 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम को तीन भागों में बांटकर पढ़ाया जाएगा। पहले भाग में पाठ्यक्रम का वह भाग लिया जाएगा जिसे कक्षावार, विषयवार और अध्यायवार वीडियो बनाकर ऑनलाइन पढ़ाया गया है। उनको स्वयंप्रभा चैनल व डीडी यूपी से भी प्रसारित किया गया है।
वहीं दूसरे भाग के सलेबस को यूपी बोर्ड के छात्र स्वयं पढ़कर पूरा सकते हैं। तीसरे भाग में शामिल यूपी बोर्ड न्यू सलेबस को प्रोजेक्ट के जरिये पूरा कराया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार के पाठ्यक्रम के कम करने के फैसले से 1 करोड़ 10 लाख से अधिक विद्यार्थियों को राहत मिलेगी। उन्होंने बताया कि बच्चों का तीन माह पर ऐसेस्मेंट भी होगा।
इसके लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर भी तैयार किया जाएगा। विषय विशेषज्ञों से परीखा के पर्चे तैयार करवाकर शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। उसका मासिक, त्रैमासिक व वार्षिक मूल्यांकन किया जाएगा।
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