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फ्रांस से भारत के लिए उड़े राफेल 29 जुलाई को आईएएफ में होंगे शामिल
Tuesday, July 28, 2020
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भारत के ये विमान पहले मई में मिलने वाले थे लेकिन कोरोना के कारण इनके मिलने में दो महीने की देरी हो गई।
नई दिल्ली। पूर्वी लद्दाख में चीन से तनातनी के बीच दुनिया का सबसे ताकतवर लड़ाकू विमान राफेल 29 जुलाई को भारत पहुंच जाएगा। पांच राफेल लड़ाकू विमानों ने फ्रांस के एयरबेस से भारत के लिए उड़ान भर दी है। भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट 7000 किलोमीटर की हवाई दूरी तय करके बुधवार को अंबाला एयरपोर्ट पर पहुंचेंगे। राफेल से भारतीय वायु सेना की मौजूदा ताकत में जबरदस्त इजाफा होगा क्योंकि 5वीं जेनरेशन के इस लड़ाकू जेट की मारक क्षमता जैसा लड़ाकू विमान चीन और पाकिस्तान के पास नहीं है।
फ्रांस से रवाना हुए इन विमानों को संयुक्त अरब अमीरात में एक एयरबेस पर उतारा जाएगा और फ्रांस के टैंकर विमान से ईंधन भरा जाएगा। इसके बाद विमान अंबाला एयरबेस के लिए आगे का सफर तय करेंगे। फ्रांस से राफेल विमानों को 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग ऑफिसर के पायलट लेकर आ रहे हैं। सभी पायलटों को फ्रांसीसी द साल्ट एविएशन कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इन्हें अंबाला की एयर फोर्स स्टेशन पर 29 जुलाई को वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
भारत आ रहे राफेल विमानों की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए इ,में फ्रांस निर्मित हैमर मिसाइल लगाने की तैयारी हो रही है। ये मिसाइल 60 से 70 किलोमीटर की दूरी पर भी मजबूत से मजबूत लक्ष्य को ध्वस्त करने में सक्षम है। हाईली एजाइल माड्यूलर म्यूनिशन एक्सटेंडेड रेंज हवा से जमीन पर मार करने वाली मीडियम रेंज की मिसाइल है। यह मिसाइल शुरुआत में फ्रांस की वायु सेना और नौसेना के लिए बनाई गई थी।
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