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EDUCATION
फर्जी बीएड डिग्री पर नौकरी करने वाले 24 शिक्षकों की सेवा समाप्त, मुकदमा दर्ज
Wednesday, July 1, 2020
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अदालत ने माना था कि फर्जी अंकतालिकाओं के जरिए तमाम छात्र शिक्षा विभाग में समायोजित हो गए हैं। शासन की ओर से आगरा बीएसए को ऐसे शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया था।
आगरा। आगरा में फर्जी बीएड डिग्री के आधार पर नौकरी कर रहे 24 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। शिक्षा विभाग ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर उनकी सेवाएं समाप्त कर दी है। मामले में पुलिस आरोपी शिक्षकों की गिरफ्तारी के प्रयास भी कर रही है। साल 2015 में एसआईटी ने आगरा के डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में बीएड सत्र 2004- 2005 की अंक तालिका में फर्जी तरीके से नंबर बढ़ाने की जांच शुरू की थी।
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साल 2017 में सुनील कुमार नामक याचिकाकर्ता की याचिका पर उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय को जांच के आदेश जारी किए थे। अदालत ने माना था कि फर्जी अंकतालिकाओं के जरिए तमाम छात्र शिक्षा विभाग में समायोजित हो गए हैं। शासन की ओर से आगरा बीएसए को ऐसे शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया था। इसके बाद लगातार एसआईटी और यूनिवर्सिटी की जांच के बाद 28 दिसंबर 2019 को 3637 फर्जी अभ्यर्थी, 1084 टेम्पर्ड अभ्यार्थी और 45 डुप्लीकेट अभ्यर्थियों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाली गई और 15 दिन में ऑनलाइन पोस्ट के जरिए उनका पक्ष मांगा गया।
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इनमें814 ने उत्तर दिया 2823 फर्जी अभ्यार्थियों ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय ने इन सभी को फर्जी घोषित कर दिया। इनमें से आगरा बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी नौकरी करने वाले 24 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
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साल 2017 में सुनील कुमार नामक याचिकाकर्ता की याचिका पर उच्च न्यायालय ने विश्वविद्यालय को जांच के आदेश जारी किए थे। अदालत ने माना था कि फर्जी अंकतालिकाओं के जरिए तमाम छात्र शिक्षा विभाग में समायोजित हो गए हैं। शासन की ओर से आगरा बीएसए को ऐसे शिक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई का आदेश दिया गया था। इसके बाद लगातार एसआईटी और यूनिवर्सिटी की जांच के बाद 28 दिसंबर 2019 को 3637 फर्जी अभ्यर्थी, 1084 टेम्पर्ड अभ्यार्थी और 45 डुप्लीकेट अभ्यर्थियों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर डाली गई और 15 दिन में ऑनलाइन पोस्ट के जरिए उनका पक्ष मांगा गया।
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इनमें814 ने उत्तर दिया 2823 फर्जी अभ्यार्थियों ने जवाब नहीं दिया। इसके बाद विश्वविद्यालय ने इन सभी को फर्जी घोषित कर दिया। इनमें से आगरा बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी नौकरी करने वाले 24 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।
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