बीस सालों में मृतक आश्रित कोटे से नौकरी पाने वालों के रिकॉर्ड की होगी जांच


  • पिता की मृत्यु होने पर उसे पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति दे दी गई। मां बाप दोनों के सरकारी सेवा में होने पर इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता। इसी तरह से नौकरी प्राप्त करने वाले दो अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है। 
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लखनऊ। शासन ने समाज कल्याण विभाग में 20 साल पहले से मृतक आश्रित कोटे से नौकरी करने वालों के रिकॉर्ड की जांच कराने का निर्णय लिया है। कुछ समय पहले ही में विभाग में मृतक आश्रित श्रेणी में गलत तरीके से नियुक्ति पाने वाले दो कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। वहीं दो अन्य के खिलाफ जांच शुरू की गई है। यह मामले सामने आने पर सरकार ने और कड़ा रुख अपना लिया है। 

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समाज कल्याण विभाग में मृतक आश्रित कोटे में नौकरी देने में हैरत में डाल देने वाले कारनामे सामने आए हैं। एक बर्खास्त आफिसर के पुत्र को मृतक आश्रित के रूप में नौकरी दी गई है, जबकि एक अन्य मामले में माता-पिता दोनों के सरकारी सेवा में होने के बावजूद भी स्त्री को इस कोटे का लाभ दिया गया। पिता की मृत्यु होने पर उसे पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्ति दे दी गई। मां बाप दोनों के सरकारी सेवा में होने पर इस योजना का लाभ नहीं मिल सकता। इसी तरह से नौकरी प्राप्त करने वाले दो अन्य मामलों की भी जांच की जा रही है। 

उच्च पद पर आसीन सूत्रों के अनुसार समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से ही सारी गड़बड़ियां हुई हैं। अतः इन मामलों में संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी और गलत ढंग से नौकरी पाने वालों से वेतन की रिकवरी भी की जाएगी। 


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