पूर्वमंत्री स्व0 शारदानन्द अंचल जीवन प्रयन्त विकास और जनता के सम्मान के लिए लड़ते रहे-पूर्व विधायक
@उमेश गुप्ता
बिल्थरारोड (बलिया)। पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल ने कहा कि हमारे पिता पूर्व मंत्री स्व0 शारदानन्द अंचल ने जीवन प्रयन्त क्षेत्र के विकास और जनता के सम्मान के लिए लड़ते रहे। और इस क्षेत्र में तहसील, डिपो, अस्पताल खुलवाने के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में अलख जगाने का काम किया। आज उन्ही के पद चिन्हों पर चलकर जनता के सम्मान के साथ क्षेत्र का विकास कार्य उनके नाती ब्लाक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल कर रहे है। उन्हाने किसान विल पर भाजपा सरकार की जमकर आलोचना की।
पूर्व विधायक अंचल शुक्रवार को ब्लाक सीयर में चतुर्थ राज्यवित्त योजना 2021 अंतर्गत विकास खण्ड सीयर में कार्यालय भवन की मरम्मत, रंगाई, पुताई का उद्घाटन, पंद्रहवाँ वित्त योजना 2021 के अंतर्गत सामुदायिक शौचालय का लोकार्पण, चतुर्थ राज्य वित्त योजना 2021 अन्तर्गत बीडीओ आवास का बाऊंड्रीवाल के निर्माण व बीडीओ आवास की मरम्मत व रंगाई पुताई कार्य का उदघाटन करने के बाद बतौर मुख्य अतिथि फीता काटकर उद्घाटन करने के बाद बोल रहे थे।
वही ब्लाक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल ने कहा कि क्षेत्र का विकास करना हमारा प्रमुख उद्देश्य है। क्षेत्र का विकास करना हमारी पहली प्राथमिकता रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने विकास कार्य कराने में कदम से कदम मिलाकर चलने का काम किया। उन्होंने कहा कि क्षेत्र पंचायत सदस्यों के मान सम्मान के लिए कृत संकल्पित हूं।
खण्ड विकास अधिकारी गजेंद्र प्रताप सिंह ने विकास खण्ड की योजनाओं की विस्तार से चर्चा कर कहा कि सरकार के निर्देश पर कोरोना काल में बाहर से आये मजदूरों को मनरेगा में मजदूरी कराकर उनके खाते में भुगतान किया गया था।
इस मौके पर सपा के जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव, सपा नेत्री ममता चन्द्रा, आचार्य शम्भूनाथ यादव, रुद्रप्रताप यादव, राजन कनौजिया, सपा के विधानसभा अध्यक्ष इरफान अहमद, अमरजीत यादव, बब्बन यादव, जनार्दन यादव, अंगद यादव, फाइटर, इरशाद मास्टर, आनन्द यादव, राम भवन यादव, शिवकुमार राजभर, रामकृपाल यादव आदि मौजूद रहे। ब्लाक की तरफ से वरिष्ठ सहायक दयाशंकर राय, लेखाकार सुजीत श्रीवास्तव, कनिष्ठ सहायक यशवन्त सिंह, उर्दू अनुवादक दानिस इकबाल, कार्यप्रभारी धर्मेन्द्र कुमार सिंह, अवर अभियंता ई. विजय कुमार यादव, ग्राम विकास अधिकारी अनिलेश कुमार मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता घ्रुव यादव व संचालन आचार्य शम्भूनाथ यादव ने किया।