सोशल साइट का रोल सराहनीय, पुलिस की सक्रियता से अबोध बच्ची मां को हुयी हवाले

 


@उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड (बलिया)। सोशल साइट का रोल कहीं किसी मायने में बुरा तो किसी अन्य मायने में कहीं बहुत अच्छा देखने को मिलने लगा है। जिसकी सराहना शुक्रवार की दोपहर में उस समय होने लगी जब सोशल साईट से प्रचार के बाद पुलिस चौकी प्रभारी सीयर आरके सिंह द्वारा खुशी उर्फ आराध्या (5) की अबोध बच्ची लावारिस हालत में घूम रही बच्ची को उसके माता पिता तक पहुंचाने में सफलता पा लिया। पुलिस का यह नेक कार्य लोगो मे चर्चा का विषय बना रहा।

 हुआ यूं कि शुक्रवार को पुलिस चौकी प्रभारी आर0के0 सिंह हमराही फोर्स कांस्टेबल मान सिंह यादव, हेड कांस्टेबल लक्ष्मी नारायण कुशवाहा व कांस्टेबल अंकुर कुमार के साथ देखभाल क्षेत्र रोकथाम जुर्म जरायम बैंक चेकिंग संदिग्ध व्यक्ति व वाहनों की चेकिंग में पुलिस चौकी सीयर सीमा क्षेत्र में रवाना होकर चरण सिंह तिराहे पर मौजूद थे, कि उसी समय किसी ने आकर सूचना दिया कि एक 5 साल की अज्ञात अबोध बच्ची लावारिस हालत में घूम रही है, जो रो रही है, और कुछ बता भी नही पा रही है। 

सूचना पाकर तत्काल चौकी प्रभारी आरके सिंह मौके पर सदल बल पहुंचकर बच्ची को अपनी कस्टडी में लेकर पुलिस चौकी लाया, और उसे चुप कराते हुए सबसे पहले विस्किट खिलाकर उसे पानी पिलाया, चुप हो जाने के बाद फिर उससे पूछ ताछ में बच्ची ने अपना नाम खुशी उर्फ आराध्या तथा अपनी मां का नाम सीमा अपने पिता का नाम गोलू बताया। जिसके आधार पर पुलिस द्वारा बच्ची के माता-पिता की तलाश युद्ध स्तर पर शुरू की गई। फेसबुक व्हाट्सएप आदि प्रचार प्रसार किए जाने वाले सोशल मीडिया के माध्यम से बच्ची की पहचान कराए जाने हेतु सघन अभियान चलाया गया। जिसके फलस्वरूप शुक्रवार को समय करीब 14ः00 बजे बच्ची की पहचान खुशी उर्फ आराध्या पुत्री पारसनाथ गुप्ता निवासी इब्राहिम पट्टी थाना भीमपुरा जनपद बलिया के रूप में हुई। इसके बाद बच्ची की पहचान करने वाले के द्वारा बच्ची के मामा रामलीला मैदान, बिल्थरारोड कस्बा निवासी महावीर कुमार गुप्ता पुत्र विंध्याचल प्रसाद गुप्ता को बुलाया गया। जिन्होंने बच्ची को देखकर पहचान तस्दीक किया। बच्ची की मां श्रीमती सीमा गुप्ता पत्नी पारसनाथ गुप्ता उर्फ गोलू निवासी ईब्राहिम पट्टी थाना भीमपुरा जनपद बलिया को तलब कर उनकी खोई हुई बच्ची को उनकी सुपुर्दगी में वापस किया गया। बच्ची खोने के उपरांत बच्ची की मां रो-रो कर बेसुध थी। बच्ची को पाने के उपरांत उसकी खुशी आंखों में देखते बन रही थी। उसने पुलिस की तत्परता एवं कार्य के लिए कोटि-कोटि धन्यवाद साधुवाद देते नही थक रही थी।

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