वो मेरे गुजरे हुए दिन

 


बहुत याद आया वो मेरे गुज़रे दिन,

जो होता था बहुत रंगीन

बचपन था जिसका नाम,

जिसमे करता मै सबको परेशान

करता था मस्तीऔर करता ठिठोलीया,

करता था मै सुबह सबको प्रणाम

बचपन था उसका नाम

पापा का प्यारा था,

मम्मी की आंखो का तारा था

बहन का था मै दुलारा,

भाई का था मै जान 

बचपन है उसका नाम


करता था बदमाशियां,

और खाता था खाना

न करता था मै कोई भी काम,

बचपन है उसी का नाम


जब दादी करती थी लाड़ बहुत, 

पर दादू का मै था अभिमान

बचपन ही है उसका नाम।।


संजीत गोयल 

मो.-8948202055


Previous article
Next article

Ads Post 2

Ads Post 3