Ballia: आरक्षण में गांव की प्रधानी सीट महिला हुई तो आनन फानन में एक दावेदार ने बिना शुभ मुहर्त के रचा ली शादी



बलिया। पंचायत चुनाव की घोषणा होते ही दावेदारों को तमाम तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। महिला सीट होने के बाद अविवाहित पुरुषों को जीवन साथी का इंतजाम भी करना पड़ रहा है। बलिया के मुरलीछपरा ब्लॉक के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्णछपरा का एक ऐसा ही मामला सामने आया है। आरक्षण में गांव की प्रधानी सीट महिला हुई तो आनन फानन में एक दावेदार ने बिना शुभ मुहर्त का इंतजार किए शादी कर ली। विकास खंड मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्णछपरा निवासी जितेंद्र सिंह हाथी पिछले कई सालों से ग्राम प्रधान पद को लेकर तैयारी में जुटे थे। 

इसी बीच जब आरक्षण का निर्धारण किया गया तो इस ग्राम पंचायत का प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित घोषित हो गया। चूंकि जितेंद्र सिंह अविवाहित थे, लिहाजा इनकी मुकिश्लें बढ़ गईं, उनका पूरा दांव ही विफल होने की स्थिति में आ गया। उनके समर्थकों ने उन्हें शादी करने का सुझाव दिया तो वह तैयार हो गए।

इसकी जानकारी उनके रिश्तेदारों को हुई तो एक रिश्तेदार ने बिहार के छपरा जिले के नेवतरी (खलपुरा ) गांव निवासी राजेन्द्र सिंह की पुत्री निधि सिंह से शादी तय करा दी। इतना ही नहीं किसी तरह का पेंच न फंसे यह देख शादी भी आनन-फानन में बीते 26 मार्च को छपरा जनपद में स्थित धर्मनाथ मंदिर में अपने नजदीकियों के साथ शादी रचा ली। अब वह अपनी पत्नी निधि सिंह को प्रधान पद पर मजबूती से चुनाव लड़ाने की तैयारी में जुट गए हैं।

जितेंद्र सिंह हाथी ने कहा कि मैंने शादी नहीं करने का संकल्प लिया था और अपना पूरा जीवन समाज के लिए समर्पित कर रखा था। लेकिन आरक्षण के चलते मुझे शादी करनी पड़ी। मेरी 80 वर्षीय वृद्ध मां के होने के कारण यह शादी का मुझे फैसला लेना पड़ा।


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