शीतलाष्टमी पर करें ये उपाय दूर होंगी जीवनसाथी की परेशानी, दिन दुगनी रात-चौगुनी तरक्की के खुलेंगे रास्ते

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आस्था डेस्क। चैत्र कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्री शीतलाष्टमी के नाम से जाना जाता है।  इस दिन माता शीतला की पूजा का विधान है और इस दिन देवी मां की विधि-पूर्वक पूजा करके उन्हें बांसी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है। साथ ही खुद भी प्रसाद के रूप में बांसी भोजन का सेवन करना चाहिए और देवी मां का आशीर्वाद लेना चाहिए।

इस बार शीतलाष्टमी 4 अप्रैल, रविवार को पड़ रही है। इसदिन बांसी भोजन करने से व्यक्ति हष्ट-पुष्ट बना रहता है, उसे किसी तरह के रोग या परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। माता शीतला स्वच्छता की देवी हैं। ये हमें पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने की प्रेरणा देती हैं। अतः आज अपने आस-पास साफ-सफाई का पूरा ख्याल रखना चाहिए।

अगर आप अपने घर-परिवार की सुख-समृद्धि में बढ़ोतरी करना चाहते हैं तो आज  के दिन स्नान आदि के बाद शीतला मां का ध्यान करते हुए घर पर ही एक आसन बिछाकर बैठ जाएँ और मंत्रमहोद्धि में दिये देवी मां के इस नौ अक्षरों के मंत्र का 108 बार जाप करें ।मंत्र इस प्रकार है-‘ऊँ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः।'

अगर आप किसी बात को लेकर थोड़ा परेशान हैं, आपका मन कुछ बेचैन सा है तो अपने मन की शांति के लिये आज  के दिन आप एक छोटा-सा चांदी का टुकड़ा लें और माता शीतला के मन्दिर जाकर देवी मां को भेंट करें। अगर उस चांदी के टुकड़े पर माता का चित्र भी बना हो तो और भी अच्छा है।

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