आधा दर्जन गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न



@उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड(बलिया)। बलिया-सौनौली राजमार्ग पर उभाव गांव के समीप रेल अंडर पास के किनारे रेलवे पुलिया में मिट्टी भर जाने के कारण क्षेत्र के लगभग आधा दर्जन गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि जलमग्न है,जिसके चलते संबंधित गांव के किसान अपने खेतों में फसल की पैदावार करने से बंचित रह जाते हैं,और किसानों के सामने अन्न का संकट गहराता जा रहा है।इस बार भारी बरसात होने के चलते खेतों की स्थिति और भी दयनीय बनी हुई है। रेल विभाग द्वारा रेलवे पुलिया को साफ करा दिया जाता तो खेतों का पानी नदी में चला जाता और किसान अपने खेतों में फसल की पैदावार कर सकते।इसको लेकर सलेमपुर लोकसभा सांसद रविंद्र कुशवाहा ने कई बार मौका मुवायना कर रेलवे के उच्चाधिकारियों को पत्र भी लिखा, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। नाला नहीं खोले जाने से किसानों का गुस्सा जायज है।उल्लेखनीय है कि बलिया-सोनौली राजमार्ग पर उभाव गांव के पास रेलवे द्वारा पुलिया का जीर्णोद्धार कराया गया।रेलवे के किड़ीहरापुर- गोविंदपुर के तरफ से रेलवे लाइन के किनारे से आने वाले बरसाती पानी को पुलिया के नीचे बने नाले के रास्ते पानी घाघरा नदी में जाकर गिरता है ,जो पुलिया मिट्टी से भर गई है ।रेलवे पुलिया के निर्माण के बावजूद रेल अधिकारियों द्वारा ग्राम वासियों की गुहार के बावजूद उक्त नाले को नहीं खोला गया।बरसात के दिनों में भारी बरसात के चलते किड़ीहरापुर-गोविंदपुर की तरफ से आने वाला बरसाती पानी नाला बंद होने के चलते नदी में न जाकर गांव की तरफ मुड़ गया है, जिससे बांसपार बहोरवा ,तीरनई, बहोरवा खुर्द, नोनिया पूरा ,मुबारकपुर,तीरनई खुर्द आदि गांव की सैकड़ों एकड़ कृषि योग्य भूमि पानी में डूबी रहती है।

सलेमपुर लोकसभा सांसद कुशवाहा द्वारा नारा खोलने के संबंध में पिछली बार डीआरएम वाराणसी तथा तत्कालीन जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखा गया था, लेकिन कोई कार्रवाई न होने से किसानों में काफी आक्रोश है ।यदि रेल विभाग द्वारा शीघ्र नाला का मुंह नहीं खोला गया तो किसानों को कोपभाजन का शिकार होना पड़ सकता है।

इन सभी ग्रामवासी किसानों में तिरनई गांव के प्रधान प्रतिनिधि रामानंद राजभर ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को अवगत कराया प्रवीण गुप्ता,दया राजभर,प्रमोद मद्देशिया,साहब अहमद,शादाब,नियाजी,भोला यादव,रब्बानी,महमूद,पप्पू भाई दिलीप गुप्ता,दिनेश गुप्ता,गुलाब चंद गुप्ता,दीप चंद गुप्ता,शाहिद आदि ने बताया कि रेलवे पुलिया बंद होने के चलते पानी इकट्ठा होकर खेतों में भर जाता है ,जिससे किसान खेतों की बुआई नहीं कर पाते हैं।

बीते बरसात के दिनों में जबरदस्त बारिश होने के चलते खेतों में और भी ज्यादा जलजमाव हो गया ,जिसके चलते सभी किसानों के खेतों में पानी भर गया है,जिससे किसान अपनी जीविका चलाने को मजबूर हो जायेगें।

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