होम्योपैथिक बोर्ड के संस्थानों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के करोड़ो रुपये के घोटाले में बड़ी कार्रवाई



लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होम्योपैथिक बोर्ड के संस्थानों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति के 47.64 करोड़ रुपये के घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने होम्योपैथी निदेशालय के अपर निदेशक प्रोफेसर मनोज यादव व होम्योपैथिक मेडिसिन बोर्ड के वरिष्ठ लिपिक विनोद कुमार यादव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

इनके विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति की है। बोर्ड के संविदा लिपिक दिनेश चन्द्र दुबे व सुषमा मिश्रा की संविदा समाप्त करते हुए इनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने मेडिसिन बोर्ड की कर्मचारी न होने के बावजूद सुनीता मलिक के नाम का फर्जी डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट बनाकर उसका दुरुपयोग करने पर उसके विरुद्ध भी एफआइआर दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इस पूरे मामले की विवेचना आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) से कराने के लिए कहा है। इसके अलावा छात्रवृत्ति में हुई वित्तीय अनियमितता व आर्थिक क्षति की वसूली समाज कल्याण विभाग अपने स्तर से करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन कालेजों की मान्यता व संबद्धता इन दोनों बोर्ड द्वारा पूर्व में जारी की जा चुकी है, उनका भी भौतिक सत्यापन संबंधित जनपद के जिलाधिकारी से कराया जाए।

दरअसल, होम्योपैथिक बोर्ड के संस्थानों में छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का 47.64 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है। यह गबन समाज कल्याण विभाग ने खुद अपनी जांच में पकड़ा है, जिन संस्थानों को पाठ्यक्रम चलाने की अनुमति नहीं थी, उन्होंने अपने यहां छात्रों को दिखाकर छात्रवृत्ति ले ली है। 

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