नेपाल की नदी से निकली पवित्र शिलाओं से बनेगी अयोध्या में स्थापित होने वाली राम-सीता की मूर्ति



लखनऊ। भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर में स्थापित होने वाली राम-सीता की मूर्ति नेपाल की नदी से निकाली गई पवित्र शिलाओं से बनेगी। नेपाल की नदी से 40 टन वजनी दो पवित्र शिलाओं को निकाला गया है। जिन्हें सड़क मार्ग से अयोध्या लाया जा रहा है।

नेपाल की एक नदी से निकाली गई इन दो शिलाओं को बेहद पवित्र माना जा रहा है। नेपाल की नदी से निकाले जाने के बाद ट्रक पर लादकर दो शिलाओं को लाया जा रहा है। इन दोनों शिलाओं के दो फरवरी तक अयोध्या में प्रवेश की उम्मीद जताई जा रही है। 

भगवान राम की मूर्ति के लिए निकाली गई शिलाएं नेपाल की पवित्र नदी शालिग्रामी से निकाली गई है। जो शालिग्राम (भगवान विष्णु की पत्थर वाली आकृति) के लिए विख्यात है। शालिग्रामी नदी से बीते 26 जनवरी को दो पवित्र शिलाएं निकाली गई। 

पवित्र शिलाओं का 30 जनवरी को जनकपुर के जानकी मंदिर में परिक्षावन किया जाएगा। जिसके बाद इसे सड़क मार्ग से अयोध्या भेजा जाएगा। शालिग्रामी नदी से शिलाओं के निकाले जाने के बाद उनका नदी किनारे पूरे विधि विधान के साथ पूजा किया गया। जिसमें उस प्रांत के गवर्नर, मुख्यमंत्री, जानकी मंदिर के पुजारी और अयोध्या से नेपाल पहुंचे वीएचपी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

नेपाल की शालिग्रामी नदी भारत में प्रवेश करते ही नारायणी बन जाती है। सरकारी कागजों में इसका नाम बूढ़ी गंडकी नदी है। शालिग्रामी नदी के काले पत्थर भगवान शालिग्राम के रूप में पूजे जाते हैं। बताया जाता है कि शालिग्राम पत्थर, सिर्फ शालिग्रामी नदी में मिलता है। यह नदी दामोदर कुंड से निकलकर बिहार के सोनपुर में गंगा नदी में मिल जाती है।


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