तोते की गवाही ने 9 साल बाद कातिल को दिलाई सजा
आगरा। विजय शर्मा, उनकी पत्नी नीलम, एक बेटा, एक बेटी और पिता आनंद शर्मा आगरा के अच्छे बड़े घर में रहते थे। विजय को फिरोजाबाद एक शादी में जाना था। विजय ने अपने बेटे और बेटी को भी साथ चलने के लिए कहा। शाम को तीनों फिरोजाबाद के लिए निकल गए। अब घर पर सिर्फ नीलम और उनके ससुर आनंद शर्मा मौजदू थे।
किसी ने रात में महिला के साथ कुत्ते का किया कत्ल
आधी रात में घर में कोई घुसा और वो सीधा नीलम के कमरे में पहुंचा। वहां पहुंचते ही धारदार हथियार से उसने नीलम पर वार किया और उसे मौत के घाट उतार दिया। इसी बीच घर में कुत्ते ने ये कत्ल होते हुए देख लिया था। कातिल ने उसी धारदार हथियार से उस कुत्ते पर भी हमला कर दिया और फिर रात के अंधेरे में ही ये हत्यारा फरार हो गया।
सुबह पति के लौटने के बाद हत्या का चला पता
रात में घर में कत्ल हो गया था, लेकिन आनंद शर्मा की नींद ही नहीं खुली। सुबह जब वो उठे तो घर का मंजर देखकर हैरान रह गए। विजय शर्मा को फोन किया गया और फिर थोड़ी ही देर में विजय और उनके दोनों बच्चे घर आ चुके थे। मां की लाश देखकर बच्चे फूट-फूटकर रोने लगे। उन्हें लग रहा था कि काश वे पिता के साथ न गए होते तो मां का कत्ल नहीं हुआ होता।
पालतू तोते की आंखों में बस गई कातिल की तस्वीर
विजय और बच्चों को देखकर घर में मौजूद तोता भी जोर-जोर से रोने लगा। ये तोता नीलम ने पाला हुआ था। नीलम भी अक्सर तोते से बातें करती थी। कत्ल वाली रात नीलम को बचाने के लिए उनका कुत्ता सामने आया जिसके बाद उसको भी मार दिया गया था, लेकिन कातिल का ये ध्यान ही नहीं गया तोता भी सबकुछ देख रहा था।
तोते ने चिल्लाना शुरू किया 'आशू हत्यारा है, आशू हत्यारा है'
कौन था ये आशू जिसकी चर्चा घर पर हो रही थी और क्या इसी आशू ने वाकई नीलम का कत्ल किया था। पुलिस को बुलाया गया। विजय शर्मा ने बताया कि तोता कत्ल में आशू का नाम ले रहा है। दरअसल आशू विजय की बहन का बेटा था। उसका पूरा नाम आशूतोष गोस्वामी था। पुलिस ने तोते के बताने के बाद आशूतोष को गिरफ्तार किया और उससे पूछताछ की गई। वो मना करता और आखिरकार पुलिस की सख्ती के सामने वो टूट गया। आशू ने कबूल किया अपना जुर्म। उसने बताया कि उस रात उसने ही अपनी मामी और कुत्ते का कत्ल किया था।
सबूत नहीं थे, तोते की गवाही ने पहुंचाया जेल
रिश्तेदार होने की वजह से आशू का अक्सर घर आना होता था। उसे पता था कि घर पर काफी धन मौजूद है। उसे ये भी पता था कि उस रात विजय शर्मा और बच्चे घर पर नहीं होंगे। ऐसे में कत्ल करना ज्यादा आसान होगा। बस इसी लूट के इरादे से उसने घर में घुसकर अपनी मामी को मौत के घाट उतार दिया। उसने सारे सबूत भी मिटा दिए।
9 साल बाद अब कातिल को मिली उम्र कैद की सजा
इस केस में सालों तक सुनवाई होती रही। आशू के खिलाफ वैसे तो ज्यादा सबूत नहीं थे, लेकिन तोते की गवाही को कोर्ट ने आधार बनाया और अब आखिरकार इतने सालों बाद आशूतोष को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। करीब 6 महीने बाद ही इस तोते की भी मौत हो गई थी।