निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव मंटू निषाद के निर्देश में कार्यकर्ताओं ने किया धरना प्रदर्शन, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन



Ballia: निषाद पार्टी के प्रदेश सचिव मंटू निषाद के निर्देश में धरना प्रदर्शन किया गया, जिसमें    निषाद पार्टी जिला अध्यक्ष शिवनारायण निषाद, दीपक निषाद, युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष निषाद पार्टी हरकिशन पासवान, अनुसूचित प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष डॉक्टर सत्यदेव, जिला कोषाध्यक्ष स्वामीनाथ निषाद और सैकड़ो महिलाएं उपस्थित रही।

आप महोदय को बड़े दुःख के साथ अवगत कराना पड़ रहा है कि निषाद पार्टी भारतीय जनता पार्टी के साथ 2019 से है सभी कार्यकर्ता एनडीए की जीत दर्ज कराने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। सरकार और बीजेपी पार्टी की मंसा है कि गरीब कल्याणकारी योजनाएं सभी जरूरत मंदो को मिले। वहीं हमारे जिले के मत्स्य विभाग में सभी उल्टा हो रहा है जिसने जिसने पैसा दिया उसीके आवेदन को सही दिखा कर जिलाधिकारी से डीएलसी करा कर प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का स्वीकृति प्रमाण पत्र दे दिया, जो पैसा नहीं दिया उसका आवेदन को गलत तरीके से रिजेक्ट कर डीएलसी से बाहर करा दिया गया। उसे नहीं दिया। यह सब मत्स्य विभाग के अधिकारियों की मिली भगत के अनुसार हो रहा है। आप से अनुरोध है कि रिजेक्ट आवेदनों को रिटर्न करा कर पुरानी डीएलसी कैंसिल कर दोबारा डीएलसी करा कर जरूरत मंदो को लाभान्वित कराएं। 

मत्स्य विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के खेल के बारे में पूरी जानकारी के साथ आपको अवगत कराना है कि वर्ष 2022-23 में मछुआ समुदाय के विकास के लिए नया मंत्रालय बना। प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा भेजी गई धनराशि का दुरूपयोग करने का कुचक्र कैसे रचा गया कि बिना किसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर परियोजनाओं को जिला स्तर पर सूची बनाकर भारत सरकार को भेज दी गयी, जहाँ पहले से लक्ष्य निर्धारित था तो उन जिलों में अनुदान नहीं दिये गये।

जबकि वहीं उन्हीं योजनाओं में धन आवंटित था, जबकि उन्हीं जिलों में इन्हीं परियोजनाओं में बाकी योजनाओं में नहीं था। सभी योजनाओं में जिलों से धन वापस ले लिया गया। उक्त योजना में ग्रामीणों द्वारा जमीनों के आधार पर बैंकों से प्रमाण पत्रों को देने के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ा। पहले एक ओर विभाग द्वारा उनका समय बर्बाद किया गया, जोकि पहले से उस जिले में आवेदन उनको देना ही नहीं था। भारत के संविधान व्यवस्था एवं कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति का किसी प्रकार से पैसे का अपव्यय नहीं कराया जा सकता है।आप से अनुरोध है कि इस सम्बन्ध में एक जाँच कमेटी बनाकर इसमें जो भी दोषी हों उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। 

 विशेष सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि पिछले सत्र में माननीय मत्स्य मंत्री की अध्यक्षता में मुख्य सचिव/अपर मुख्य सचिव के साथ में एक  संयुक्त समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि विभाग में ऐसे सभी प्रकार के कार्य, नियम, नीतियां विभागीय मंत्री की सहमति से ही किये जाऐंगे। सर्वर डाउन के बजह और जिसका पिछले सत्र में आवेदन था योजनाओं का लाभ नहीं मिला था। आधार कार्ड फिड करते एक्सेप्ट नहीं हो रहे थे। उनके समस्याओं के समाधान के लिए उनके मत्स्य सम्पदा योजना के आवेदन फार्म में तीन तरह के बटन होंगे। कई व्यवस्था की गयी थी। एक सेलेक्शन का, एक ऑब्जेक्शन का और रिटर्न का, जिससे लाभार्थी को पुनः अपने आवेदन पर नियमानुसार सही करने का मौका मिलता। बिना बैठक और मंत्री जी के बिना सहमति के ही रिटर्न बटन हटा कर  रिजक्ट बटन लगा कर जरूरतमंदों के आवेदन निरस्त और रिजक्ट कर योजनाओं को भ्रष्टाचारियों को दे दिया गया है। 

जिस वेबवाइट कम्पनी का अनुबंध छः महीने पहले खत्म हो गया था। उसके खिलाफ मंत्री जी द्वारा पत्र लिखा गया था और प्रमुख सचिव द्वारा कम्पनी को हटाने के वादा किया था। उसके बाद भी उसी सॉफ्टवेयर कम्पनी (मार्कसाप) से काम करा कर धोखेबाजी से रिटर्न का बटन हटा कर सभी मछुआरों के आवेदन को रिजक्ट कर पैसा देने वालों को स्वीकृति प्रमाण पत्र दे दिया गया। 

आप से अनुरोध है कि तुरन्त इस वेबसाइट कम्पनीको हटाया जाए और रिटर्न बटन पुनः लगाया जाये और रिजेक्ट आवेदनों को रिटर्न करा कर पुरानी डीएलसी कैंसिल कर दोबारा डीएलसी करा कर जरूरत मंदो को लाभान्वित कराएं। इसकी जाँच करायी जाय। इसमें जो भी दोषी पाये जाये, उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाये। जिससे सरकार के मंसा के अनुरूप कार्य हो सके।

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