जूनियर हाई स्कूल सिकंदरपुर के प्रांगण में स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर पर विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन



सिकन्दरपुर, बलिया/ सन्तोष शर्मा। स्थानीय जुनियर हाईस्कूल स्कूल के प्रांगण में आयोजित विचार गोष्ठी कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सांसद नीरज शेखर ने विवेकानन्द के विचारों को व्यक्त करते हुए बताया कि उन्होंने राष्ट्र को युवाओं का आह्वान किया था कि मन से एवं विचार से एक बनो, संगठित हो और आगे बढ़ो। तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य न हासिल हो जाए। वास्तविक शिव की पूजा निर्धन और गरीब की पूजा है। शिकागो के सर्व धर्म सभा में उन्होंने भारत का मान बढ़ाया। 

सांसद रविन्द्र कुशवाहा ने बताया कि विवेकानन्द ने अपने वक्तव्य एवं व्यक्तित्व से सनातन धर्म के विचारों को विश्व मंच पर स्थापित कर भारतीय लोगों को अपने देश एवं धर्म पर गर्व की अनुभूति कराया। 


चन्द्रशेखर विश्व विद्यालय बलिया के कुलपति प्रो. सुजीत कुमार गुप्ता ने बताया कि स्वामी जी ने गरीबों एवं असहायों की सेवा और सहयोग को ही सबसे बड़ा धर्म बताया और कहा कि यदि पड़ोसी रोटी के अभाव में भूखा रहे तो मंदिर में भोग चढ़ाना पुण्य नहीं पाप है। 


पूर्व मंत्री राजधारी ने अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि स्वामी जी ने राष्ट्र के उत्थान और प्रगति को लेकर उदघोष किया था कि प्रत्येक भारतवासी को अगले पचास बर्षों तक सभी देवी देवताओं की पूजा छोड़कर मात्र भारत माता की पूजा एवं सेवा का संकल्प लेना होगा। उनके उपदेश से भारतीयों ने यह जाना कि हमारा अतीत गौरवशाली रहा है और मन से हीन भावना त्याग कर आगे बढ़ना है। गोष्ठी को प्रमुख रुप से भगवान पाठक, रणजीत राय, जयप्रताप सिंह, सुरेश सिंह, वैजनाथ पाण्डेय, सुनील सिंह, दयाशंकर भारती, डा. उमेश चंद आदि ने सम्बोधित किया। अध्यक्षता रामबहादुर विन्द तथा संचालन भोला सिंह ने किया।


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