स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा एक ड्रामाः ओमप्रकाश राजभर



बलिया। करनई गांव में एक मांगलिक कार्यक्रम में पहुंचे सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने स्वामी प्रसाद मौर्य और समाजवादी पार्टी पर जमकर निशाना साधा।  कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य का इस्तीफा एक ड्रामा है। वह केवल अखिलेश यादव के इशारे पर सनातन धर्म के खिलाफ लगातार बोलते रहते हैं। जबकि वह बाबा साहब आंबेडकर ने संविधान में जो व्यवस्था दिए हैं, ये लोग संविधान को भी नहीं मानते हैं। कहा कि संविधान को मानते तो इस तरह की टिप्पणी नहीं करते। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दिया है पर वह सपा के एमएलसी तो बने रहेंगे। उनका इस्तीफा मंजूर भी कर लिया जाएगा, लेकिन एमएलसी से इस्तीफा दें तब वह मानेंगे। अखिलेश और स्वामी प्रसाद मौर्य मिले हुए हैं। एमएलसी से रिजाइन नहीं देंगे तो यह पक्का है कि दोनों मिले हुए हैं। अखिलेश यादव अपने गांव में शिवजी की मंदिर की स्थापना किए हैं। इस सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव अपरिपक्व नेता हैं। इस बात को शिवपाल भी कहते हैं। उन्होंने कहा कि शंकर भगवान कहिए, चाहे भगवान राम कहिए, चाहे भगवान श्री कृष्ण कहिए, चाहे अल्लाह कहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने दो लाइन सुनाते थे रघुपति राघव राजा राम, ईश्वर अल्लाह तेरो नाम, सबको संमति दे भगवान।तो अल्लाह कहो या ईश्वर कहो सब तो एक हैं।

ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि आप कृष्ण को मानोगे, शंकर भगवान को मानोगे, लेकिन राम को नहीं मानोगे। इसका मतलब आप संविधान को नहीं मानते हो। संविधान में किसी भी व्यक्ति को किसी धर्म के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं दिया गया है। कहीं बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने नहीं लिखा है। सबको अपने-अपने धर्मों का अपने-अपने हिसाब से पूजा पाठ करने का की व्यवस्था बाबा साहब डॉक्टर अंबेडकर ने दे रखा है। ऐसी स्थिति में कौन सी विपत्ति आ गई जो किसी धर्म के खिलाफ बोलते हैं, जबकि किसी धर्म मजहब के खिलाफ बोलना संविधान के खिलाफ है। किसान आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर कहा कि जब चुनाव आता है तो किसानों को झोरा में अनाज भर दिया जाता है कि चलो चिल्लाओ। वह विरोधी पार्टी के लोग हैं इससे पहले क्यों नहीं करते है ? क्यों भाग गए थे ? उसे समय सहमति क्यों बन गई ? रजामंद क्यों हो गए ? इससे पहले भी जब किसान आए आंदोलन हुआ लंबे समय तक, तो बैक फुट पर क्यों चले गए ? उनको डटे रहने चाहिए था। उन्होंने कहा कि किसानों के आंदोलन के पीछे विपक्षियों का हाथ है।

Previous article
Next article

Ads Post 2

Ads Post 3