I.N.D.I.A की.लोकतंत्र बचाओ महारैली में जमकर गरजे नेता
नई दिल्ली। दिल्ली के रामलीला मैदान में I.N.D.I.A. की लोकतंत्र बचाओ महारैली लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन यह पहली बड़ी रैली रही। इसमें सोनिया, प्रियंका, राहुल, उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता और हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना पहुंची।
रैली को सबसे पहले उद्धव ठाकरे ने संबोधित किया। उद्धव ने कहा- कल्पना सोरेन और सुनीता केजरीवाल हमारी बहन हैं। जब इस तानाशाही सरकार के खिलाफ हमारी बहने लड़ रही हैं, तो हमारे जैसे भाई कैसे पीछे रह सकते हैं। भाजपा को मैं चुनौती देता हूं कि आप अपने बैनर पर लगा दो कि भाजपा के साथ जो पार्टी है वो ED, CBI और IT है।
जेल में बंद झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेने ने कहा- आज यहां उमड़ा जल सैलाब इस बात की गवाही दे रहा है कि लोकतंत्र को खत्म करने के लिए जिस तरीके तानाशाह ताकतों ने अपने कदम बढ़ाएं हैं उसका अंत जनता इस चुनाव में कर देगी।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि आज हमारा मकसद सिर्फ एक है कि हम सब संविधान को बचाएं। इंसान को इंसान से लड़ाया जा रहा है।वे सभी नेतागण जिन्हें जेल में बंद कर दिया गया है। वे लोग बाहर तभी आ पाएंगे जब आप हमें सत्ता में लाएगें। आप उसी बटन का दबाइएगा जो इस तानाशाही हुकूमत को हराएगा।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा- हम लोगों ने पहली रैली पटना में की, दूसरी मुंबई में की और तीसरी दिल्ली में हो रही है। देश के कोने-कोने में जहां भी हम जा रहे हैं, वहां जनता का साथ मिल रहा है। जिस हिसाब से देश को बांटने का काम किया जा रहा है। नफरत की राजनीति की जा रही है। इस लड़ाई में हमें आपका साथ मिले। ये लोग नारा लगाते हैं कि अबकी बार 400 पार, वहकुछ भी बोलेंगे लेकिन एक बात तय है कि जनता ही मालिक है। भाजपा के लोग नारा लगा रहे हैं तो ऐसा लग रहा है कि पहले से ही EVM सेटिंग हो चुकी है।
सब जानते हैं कि देश में आघोषित इमरजेंसी लागू हो चुकी है। देश में सबसे बड़ा कोई दुश्मन बेरोजगारी, महंगाई और गरीबी है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, आप चिंता मत करो, सिर्फ हम ही नहीं पूरा देश आपके साथ है। कुछ दिन पहले आशंका थी कि क्या हमारा देश तानाशाही की ओर जा रहा है? लेकिन अब ये आशंका नहीं सच्चाई है। BJP को लग रहा होगा कि अरविंद केजरीवाल और हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने से सभी डर जाएंगे लेकिन उन्होंने अपने देशवासियों को कभी पहचाना नहीं है।