गर्मी के दिनों में बच्चों के खान-पान और देखभाल पर दें विशेष ध्यान: बाल रोग विशेषज्ञ डॉ एके उपाध्याय

 


बलिया। गर्मी का मौसम आते ही बड़ों के साथ-साथ विशेषकर पांच वर्ष के बच्चों को लेकर स्वास्थ्य संबंधित कई प्रकार की समस्याएं आती हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए बच्चों के आहार-विहार, देखभाल पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है। क्योंकि बच्चे अपनी समस्याएं बताने में असमर्थ होते हैं। गर्मी के दिनों में वातावरण में अधिक तापमान होने के कारण बच्चों विशेष रुप से 05 वर्ष तक के बच्चों में वाष्पीकरण की क्रिया अधिक होती है। जिसके कारण बच्चों का शरीर निर्जलीकरण अर्थात डिहाइड्रेट हो जाता है। बच्चों के देखभाल के लिए कुछ ऐसे टिप्स हैं, जिसका पालन कर हम बच्चों को स्वस्थ और खुशहाल बनाए रखने में सहायता कर सकते हैं। 

गर्मी के दिनों में बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी देखभाल के संबंध में जिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ए के उपाध्याय ने बताया कि गर्मी के दिनों में बच्चों को- आरामदायक हल्के, ढीले-ढाले और सूती कपड़े पहनाएं। सोते समय बच्चों को हल्के और एकदम पतले सूती कपड़े से ढंककर रखें। बच्चों के चेहरे की सुरक्षा के लिए विशेषकर सफेद या क्रीम कलर की टोपी पहनाएं। छोटे बच्चों को डायपर/लंगोटी का प्रयोग कम से कम करें। समय-समय पर बच्चों को पानी एवं स्वच्छ तरल पदार्थ पिलाते रहें। बच्चों को बोतल से दूध ना पिलाएं तथा तरल पदार्थ के साथ साथ भोजन की थोड़ी-थोड़ी मात्रा देते रहें। बच्चों को दोपहर में कभी भी बाहर नहीं निकलने दें। स्कूल से या बाहर से बच्चों के घर में आते ही तुरंत पानी नहीं पिलाएं या खाना नहीं दें। 10-15 मिनट आराम कराकर पानी, खाना या दूध दें। बच्चों को समय-समय पर तरल पदार्थ, फलों और सब्जियों के रस का सेवन करवाएं। लेकिन ध्यान रहे उन फलों जैसे- सेव, संतरा, मुसम्मी, केला आदि को साफ पानी से अच्छी प्रकार धो लें तथा उसे कुछ देर ठंडे पानी में डुबोकर रख दें। फिर सेवन कराएं। गर्मी के दिनों में भूलकर भी बाहर की चीजें खासकर मसालेदार या फास्ट फुड का सेवन नहीं करवाएं। बच्चों को सुबह और शाम कम से कम दो बार स्वच्छ ठंडे पानी से स्नान कराएं। यदि बच्चा दिन भर में पांच से छह बार से अधिक पेशाब करता है, दस्त और उल्टियां हो रही है। बच्चे को उल्टी टाइप का मन हो रहा है या उबकाई आ रही है। पेट या सिर में दर्द का अनुभव हो रहा है। बुखार आ गया है। बच्चा बार-बार पानी पीने का इशारा करता है या पानी मांगता है तो इसका मतलब कि बच्चे के शरीर में निर्जलीकरण की क्रिया तेजी से हो रही है। इस अवस्था में अविलंब अनुभवी बाल रोग विशेषज्ञ या राजकीय चिकित्सालय में संपर्क करके प्रॉपर इलाज कराएं।

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